गणित शिक्षणशास्त्र अर्थ, उद्देश्य एवं पाठ्यक्रम

Meaning Purpose and Curriculum

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005  के अनुसार गणित शिक्षण के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
बच्चे की विचार प्रक्रिया का गणितीयकरण, बच्चे गणित में आनन्द लेना सीखें,बच्चे प्रभावशाली गणित सीखें, बच्चों को गणित की मूल संरचनाओ, जैसे- अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति और त्रिकोणमिति को समझाना।
प्राथमिक स्तर पर गणित शिक्षण के उद्देश्य 
गणित शिक्षण मूर्त से अमूर्त की ओर होना चाहिए ताकि बच्चा अपने दैनिक जीवन की तार्किक क्रियाओं एवं गणितीय चिंतन को समझ सकें।
सीमित राशियों व छोटे अंकों के द्वारा बच्चों में तार्किक  कौशलों का विकास करना।
गणित के अकंहीन क्षेत्रों जैसे- आकार, दिशा संबंधी समझ, पैटर्न, मापन एवं आकड़ो की हैंडलिंग को बढ़ावा देना।
उच्च प्राथमिक स्तर पर गणित शिक्षण के उद्देश्य
अंकगणित व बीजगणित के उपयोग पर जोर देना।
चरों के उपयोग, रैखिक समीकरणों को बनाने पर जोर, सर्वसमिकाएँ व गुणनखण्ड करना सिखाना।
विभिन्न नियमित आकार त्रिभूज, चतुर्भूज, क्षेत्रफल, परिमाप, आदि  को समझाना।
आंकड़ो का प्रबन्धन, निरूपण आदि सीखाना, गणितीय अवधाराणाओं के अनुप्रयोग से संबंधित समस्याओं को तर्कसंगत रूप से हल करना।
गणित पाठ्यक्रम NCF -2005 के अनुसार
शिक्षा उद्देश्यों के अनुसार महत्वाकांक्षी होना चाहिए।
यह सुसंगत होना चाहिए, ताकि यह विभिन्न प्रकार की विधियाँ और कौशलों  द्वारा संयुक्त रूप से विज्ञान व अन्य विषयों मे आने वाली समस्याओं को हल कर सकें।
यह महत्वपूर्ण होना चाहिए ताकि शिक्षार्थी समस्याओं को हल करना आवश्यक समझे।
पाठ्यक्रम में  प्रतिदिन की भाषा  , गणितीय परिस्थिति की परिभाषा, समस्याओं को हल करने की भाषा का प्रयोग होना चाहिए।
पाठ्यक्रम रटने की प्रवृत्ति को बढ़ावा ना दे।
गणित शिक्षण की समस्याएँ-
बच्चों में गणित शिक्षण को लेकर डर व असफलता का भाव रहता है।
निराशाजनक पाठ्यचर्या
अपरिष्कृत मूल्यांकन
शिक्षक की अपर्याप्त तैयारी
व्यवस्थागत समस्याएं
गणित शिक्षण समस्या समाधान हेतु सिफारिशें-
गणित शिक्षा का फोकस ऊंचे लक्ष्यों की ओर स्थानांतरित करना।
समस्या समाधान गतिविधियों आदि से अधिगम वातावरण का निर्माण करना ताकि बच्चों में सहभागिता बढें और सफलता भाव उत्पन्न हों।
उचित पाठ्यपुस्तकों व शिक्षण सहायक सामग्री का प्रयोग।



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