पाठयोजना एवं शिक्षण विधियाँ

Curriculum Plan and Teaching Method

किसी पाठ अथवा विषय को पढाने हेतु उससे संबन्धित रूपरेखा तैयार करना ही पाठ योजना  कहलाता है। इसमें शिक्षक कक्षा में पढाई जाने वाली विषयवस्तु को छोटी-छोटी इकाइयों  के रूप में बांटकर निर्धारित अवधियों में  विभिन्न प्रविधियों का प्रयोग कर पढ़ाता है।
पाठयोजना से उद्देश्य स्पष्ट होता है, समय का उचित उपयोग होता है, शिक्षण सामग्री का चुनाव करने में आसानी तथा शिक्षण संबंधी सभी प्रकार के उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायता मिलती है।
पाठ योजना के चरण
1.  तैयारी करना   2. प्रस्तुतीकरण   3.  चॉक बोर्ड कार्य      4.  पुनरावृत्ति   5. गृह कार्य

गणित शिक्षण की विधियाँ
शिक्षण विधियाँ शिक्षार्थी, शिक्षक व पाठ्यक्रम तीनो पर निर्भर करती है। शिक्षण विधियों का शिक्षण के उद्देश्यों से विशिष्ट सम्बन्ध है इसलिए शिक्षण विधि का चयन करते समय शिक्षण उद्देश्य को ध्यान में रखा जाना चाहिए। शिक्षण विधियां मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण से युक्त होती है।

आगमन विधि
इसमें विशिष्ट उदाहरणो द्वारा सामान्य सिद्धान्तों की ओर लाया जाता है। इसके प्रमुख सूत्र-
विशिष्ट से सामान्य की ओर
स्थूल से सूक्ष्म की ओर
ज्ञात से अज्ञात की ओर
सूत्र निर्माण में यह महत्तवपूर्ण विधि है।

निगमन विधि
इसमें पहले सामान्य नियम वताये जाते है फिर उदाहरण दिये जाते है।
इसमें सूत्रों का प्रयोग किया जाता है।
सामान्य से विशिष्ट की ओऱ
सूक्ष्म से स्थूल की ओर
सिद्धान्त से उदाहरण की ओर

विश्लेषण विधि
यह तर्कप्रधान वैज्ञानिक विधि है, इसमें समस्या को छोटे छोटे भागों में बांट दिया जाता है।यह प्राथमिक स्तर के लिए उपयुक्त विधि नही है।
अंकगणित में नवीन समस्या को हल करना, रेखागणित में रचना कार्य करना इसके प्रमुख उपयोग है।
 इस विधि का सूत्र - अज्ञात से ज्ञात की ओर

संश्लेषण विधि- मनोवैज्ञानिक विधि
इसमें छोटे छोटे भागों को जोड़ा जाता है यह विश्लेषण विधि के विपरीत विधि है। इसमे ज्ञात से अज्ञात की ओर चलते है।
समस्या समाधान विधि
इसमें अध्यापक शिक्षार्थियों के सामने समस्याओं को रखता है तथा शिक्षार्थी सीखे हुए ज्ञान व नियमों के आधार पर समस्या का समाधान ज्ञात करते है।

अनुसंधान विधि
इस विधि का उद्देश्य छात्रों को खोजी बनाना है। इसमें छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है।
इसमें शिक्षक केवल एक मार्गदर्शक की भाँति होता है।

No comments:

Post a Comment